गौहत्या का प्रतिशोध
गौहत्या का प्रतिशोध लेने के लिए मेवाड़ के महाराणा कुम्भा द्वारा नागौर के मुस्लिम राज का विध्वंस करने के बारे में कीर्तिस्तंभ प्रशस्ति में लिखा है कि
“महाराणा कुंभा ने फ़िरोज़शाह की बनवाई हुई मस्जिद जला दी, खाई को भरवा दिया, किले को तोड़ दिया, कई हाथी छीन लिए, यवनियों को क़ैद किया, यवनों को दंड दिया, यवनों से गायों को छुड़ाया, नागपुर (नागौर) को गोचर बना दिया, पूरे नगर को मस्जिदों सहित जला दिया, शम्स खां के ख़ज़ाने से विपुल धन संचय छीना और गुजरात के सुल्तान को उपहास का पात्र बनाकर रख दिया।”

महाराणा कुम्भा द्वारा नागौर विध्वंस की घटना का उल्लेख इस घटना के 100 वर्ष बाद लिखे गए तबकात-ए-अकबरी में निजामुद्दीन अहमद ने भी किया है।